बट्ठळियो-बाल्टी, कुहाड़ियो-दांती
कुंडी-घोटो, घड़ो अर लोटो
थाळी-बाटकी, जेई-चोसांगी
अर पोरी वाळी डांग
आं सै चीजां माथै भरोसो है किरसै नै
कद'ई
कठै'ई
काम आय सकै है अड़ी मांय
पण
लोकतंत्र, नेता, समता, विकास
जेड़ै मोटै-मोटै आखरां माथै भरोसो नीं रेयो अबै
धोखो घणो खाय लियो आंस्यूं
भरोसै वाळी चीजां ई कर सकै है न्याव अब तो।