मां!

थूं तो कैवती हरमेस

करणा है

पीळा म्हारा हाथ

पण म्हरा तो काळा होयग्या

मांजता-मांजता बासण।

स्रोत
  • पोथी : ऊरमा रा अैनांण ,
  • सिरजक : अंकिता पुरोहित ,
  • संपादक : हरीश बी. शर्मा ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली ,
  • संस्करण : प्रथम
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