घोड़ो बण्यो गडोळ्यां चाल्यो
ले बेटा नें मोरां पर!
गोडा घिसघिस घणों कमायो
खरच कर दियो छोरां पर!
खुदरे तो फाटी अंगरखी
सूट दिराया बेटां नें!
खुद चपलां सुं काम चलायो
बूंट दिराया बेटां नें!
घणों लडायो घणों पढायो
घणों चढायो घोड़ी पर!
पांच पांच सौ रा नोट अंवारया
बेटा बहू री जोड़ी पर!
थोड़ा दिन तो स्याणा रिया
पछै शुरु खटपट होगी!
सास भवां में अणबण होगी
चिकचिक अर झिकझिक होगी
टूट गयो विश्वास बाप रो
बेटो रण में कूद गयो!
कात्यो सूत कपास निवड़ग्यो
मूळ गियो अर सूद गियो!
छाती रे चेपर राख्या बे
मूंग दळे है छाती पर!
तूं तूं पर उतर आया अर
केवणं लाग्या पांती कर!
बेटी गई पराया घर में
बेटो भी न्यारो होग्यो!
बुढापे आंख्यां सुं ओंझळ
आंख्यां रो तारो होग्यो!
झरझर आंसूं मां रोवे है
बाप रोवे है घुट घुटकर!
सेवा रा सपनां टूट्या अर
सुख री आशा गई बिखर!
खुदरो घर खावणं ने दौड़े
सन्नाटो सो गयो पसर!
कुणं समझे उणं मां रा दुख ने
बांझ रिवी बेटा जणकर!
दो पाटां बिच बाप पिसीजे
छाती ने करड़ी कर कर!
आंसू पी पी दिन काटे है
कियां कटेली आ उमर!
खुदरो खून परायो होग्यो
खुदरो खून परायो होग्यो
खुदरी पीड़ सुणावे किणनें!
मांय रोवे अर बारे मुळके
खुदरो दरद दिखावे किणनें!
बाप बण्या जद घणां फूलीज्या
थाळी बाजी ढोल घुराया!
मांचा में मां बाप पड़्या जद
बेटा देखणं ने नहीं आया!
तिवाड़ी ढळती उमर में
कमर झुकी अर गोडा थाक्या!
ऐड़ा दिन देखणं री खातर
राम जींवता क्यांने राख्या!