तण नदियं वैचे एक, बैणकू दैकाय।
बेणेसर ने मेळा मांय, हइयु हरखाय॥
आबुदरा मांय मनक,डुबकिये लगावैं हैं।
अरपण-तरपण पितरं नु करावैं हैं॥
पिण्ड़ दान करी ने पुण्य हैं कमाय...
बेणेसर...
मेळा मांय तो ज़गे-ज़गे ,दुकानें
लगावी।
खावा पीवा प्हैरवा नी,चीज़े खूब सजावी॥
आँखें फाड़ी-फाड़ी चीज़े, ज़ुवा नु मन थाय...
मुमरी भज़ियं खएँ घणा,रस पीवैं हांटं नो।
गुलपिये छाटे अर, मज़ो लएँ आंटं नो॥
हात हाई फरैं आज़े,कूण हरमाय...
मावज़ी नी गादी ने मनकं हैं पूज़े।
च्यारी आड़े जौवो माव, गीतं हैं गुँज़े॥
भक्ति नं गीतं हाम्बरी, मनडू खूवाय...