अेकर अेक भाई

गेलै मांय

पूछ्‌यो भाईजी सड़क

कठै जावै है

हूं कैयो कै सड़क तो

कठै कोनी जावै

अठैई पड़ी रैवै

जावणो आपां नैं ही पड़ै है

पडूत्तर तो दे दियो

थोड़ो ठेर'र सोच्यो

साच री परकति भी

इसी ही है

सांच आपरी जगहां

थिर है

बिनै पावण री कोशिश

आपां नैं ही करणी पड़सी

बियां ही संसार भी

अठै ही पड्यो रैसी

जावणो जीव नैं ही पड़सी

सड़क रै गेलै।

स्रोत
  • पोथी : सांची कैऊँ थांने ,
  • सिरजक : सीमा पारीक ,
  • प्रकाशक : ज्योति पब्लिकेशन्स बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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