सासू
आंसू ढळकावती थकी बोली-
बीनणीसा सुणो हो!
आज थांरै
सुसरोजी रो सराध है
सासू रो नाटक देखती थकी
बीनणी बोली-
जिको
थांरो ई भेळो करणो है कांई।