म्हारो मुरधर केवै तूं परताप दिखातो ही रीजे।
जै करवाळा भैती वै तो दुधार बहातो ही रीजे।
इतिहास रंगीज्योड़ा पड़िया, कितरा हीरा उण मै जड़िया।
है लेख लिक्योड़ा ठौड़-ठौड़, किण-किण सूं कुण-कुण हा लड़िया।
पीढ़ी दर पीढ़ी नै तूं, ओ पाठ पढातो ही रीजे । जै...
म्हारी ओदर लोट्योड़ा बैर्या रा सिर बे बोट्योड़ा।
नहीं महल अटारी बासलियो, भालां री नोकां पोढ्योड़ा॥
देख बडेरा कहग्या है, तूं जोत जळातो ही रीजे। जै...
केई राणा झुंझार हुआ, बे रण बंका बिकराळ हुया।
करती आरतड़ो वीरां को मायड़ दूधां की धार लियां॥
ईं मायड़ री कूख जनम तूं लाज निभातो ही रीजे। जै...
इण धरती पर जलम्योड़ी, बे डोढ्यां मांही पोढ्योड़ी।
पण, आण-बाण की खातर बे, अंगारा पर भी लोट्योड़ी॥
आं लाडलड़्या नै पद्मण की तूं याद दिरातो ही रीजे। जै...
बेटा बेटयां नै मै पाळू, सतपथ मे सागे मैं चालूं।
रणचन्डी जद भी चेत पड़ै, हिवड़े नै ऊभो मै गालूं॥
“रांकावत” जद भी होड़ मचे, तूं वीर कहातो ही रीजै। जै...
जै करवाळा भैती वै तो दुधार बहातो ही रीजे।