अठी आवौ

वा बोली अर

रुकौ वा बोली

अर मुळकौ

वा बोली अर

मरो वा बोली

म्हैं आयौ, म्हैं रुकियौ

म्हैं मुळक्यौ

म्हैं मरगौ।

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : नाज़िम हिक़मत ,
  • संपादक : गौतम अरोड़ा ,
  • प्रकाशक : अपरंच प्रकाशन, बासनी, जोधपुर ,
  • संस्करण : अक्टूबर-दिसम्बर
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