टींगरो मानो कोनी के तेरै बापू ने आथण आण दे

पड़ पगां कैवंता ओज्यूं नीं करां मां आज जाण दे

जी करै अब करां बै लड़ाइयाँ मां बा ही बात कवै,

बापू साची ही ज्यावैं और मां भी बाँधी रवै।

घणो जीदोरो होवंतो जद कोई बात पर बे टोकता

मांय ही मांय बळ ज्यावंता जद कोई काम सूं रोकता

अब लागै कै अब आर'र रोकैं हरेक बात पर टोकै

पैली तो कदी नीं मारी पण अब लातां स्यूं ठोकै

चावां बो काम करां'र हरेक काम में मरजी चालै

सो कीं हो ज्यावैलो पण थारी कमी फोड़ा घालै

हो सकै किं बोल ज्यावंता होगा जद सागै रैंवता

भी हो सकै कै नी सुण्यो होगो जद थे कैवंता

जी करै थे आवो'र इतो कैवौ मोडै पर हाथ मेल

तू चिंत्यां ना कर तेरै आगै मैं हूँ जा तू खुलो खेल।

जावजल माड़ी बात है कै बेटो बाप सूं पैली जावै

पण साची है बिन्या बाप बेटो भोत दुख पावै।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : कुलदीप पारीक 'दीप' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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