वीर भोम रै बाळकां नै मायड़ करै पुकार

तड़कै रै भारत रा बेटां थे हो सिरजणहार

म्हांरौ बडकौ राणाजी हौ कदै पीठ दिखाई

बांरौ अमर्‌यौ हर्‌यै घास री हंस-हंस रोटी खाई

बोलौ बांरी जै जैकार

वीर भोम रै बाळकां नै मायड़ करै पुकार

वीर भोम री इज्जत खातर बळगी रजपूताण्यां

छाती चौड़ी करनै गावां बांरै जस री बाण्यां

वै ही वीर प्रसूता नार

वीर भोम रै बाळकां नै मायड़ करै पुकार

भामासा हौ मिनख ळखीणौ धनड़ौ सेना में बंटवायौ

जलमभोम री सेवा करनै पायौ कितरौ नांव सवायौ

आं सब री सीखां रौ सार

वीर-भोम रै बाळकां नै मायड़ करै पुकार

तड़कै रै भारत रा बेटां थे हौ सिरजणहार

स्रोत
  • पोथी : मोती-मणिया ,
  • सिरजक : रामनिरंजन सरमा ‘ठिमाऊ’ ,
  • संपादक : कृष्ण बिहारी सहल ,
  • प्रकाशक : चिन्मय प्रकाशन
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