बापू

थांकी बातां

थाकड़ी-तोली

जगत-सतोली!

राई घटी

न्हं राई बदी

थांकी बातां...

थां रह्या

कै न्हं रह्या बापू

पण अम्मर छै

थांकी बोली-बाणी

अर

भारतमाता की चुनड़ पै मांड्या

आजादी का मंडाण

थांकी

बातां का उजास सूं

हमेस ऊजळी छै बापू

मनख्याई की गैल।

स्रोत
  • पोथी : बापू-अेक कवि की चितार ,
  • सिरजक : ओम नागर ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण