बादळ

सासरै सूं

रुठियोड़ो

तणकीलो जंवाई...

बीजळी

मोटै घर री बेटी

अटवाटी-खटवाटी ले’र

घणा दिनां सूं

बाप रै घर बैठी

बिरखा

सपूत घर री बेटी

जद सूं परणाई

पीहर-परेंडै

पाछी’ज नीं आई।

स्रोत
  • पोथी : जग रो लेखो ,
  • सिरजक : कुन्दल माली ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
जुड़्योड़ा विसै