बाळक
कोरा कागद सो...
जस्यां मांडद्या
मंड जावैगो!
सोरम हाळो पुसब छै
जठी चढ़ाद्या
चढ़ जावैगो...
भगत बणेगो,
राम बणैगो
बण जावैगो
तुलसी नानक!
वीर सुभाष की
आजादी छै
पंडित जी को
पंचसील छै
तो बापू की
खादी को ताग़ो!
मत भंगरावो
ई भावी भारत नै
राजनीत की चौसर पै
मत फकाओ ई का
पांसा
ई मन ऊजाळो राखो
खुली रातां
की सांसा।