आंसू नीं आंख में अंगार राखजै,

हाय नीं हिवड़ै में हुंकार राखजै।

लूंठौड़ां सूं राड़ रौ है कायदौ,

खांधां माथै थूं घरबार राखजै।

नाच्यौ जिण खेत बठै मौत हांसै,

देणौ पड़ैलौ माथौ त्यार राखजै।

टाबर भूखा सोवै को मींणौ कठै,

टाळवौं तौ इधकार राखजै।

बिछण ना दे मान मन मार दीजै,

हाथ कोई अैड़ौ हथियार राखजै।

इंकलाब री आँधी चावै झुलाणी,

करम नै खुद रो दातार राखजै।

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : राजू सारसर राज ,
  • संपादक : गौतम अरोड़ा
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