खामोस क्यूं हां

कुचमाद करणी पड़सी

तूफान लावणो पड़ैला

मां री पीड़ मांय

मूूंन रैयां

कीड़ा पड़सी

ललकार री दरकार है

सगळां नै अेको करणो पड़सी

मां री तसबीर लगावो

मां री सौगंध

छप्पन इंच री छाती सूं

बंतळ करणी पड़सी

सुपना देखणा बंद करणा पड़सी

थारी-म्हारी रो बखत नीं है

टेम निकाळणो पड़सी

कलम री तरवार खोलणी पड़सी

लंगड़ी मारतां नै पटकणो पड़सी

पच्चीसां नै सागै लेवणो पड़सी

हाको करणो पड़सी

पीड़ दिल्ली री नीं है

आखै विश्व री आवाज़ बणावणी पड़सी

न्यारा-न्यारा सवारथ छोडणा पड़सी

अणथक जातरा मांय निकळो

मां फड़फड़ाय रैयी है

मान दिरावण खातर

अेको करणो पड़सी

मां री मानता लेवणी पड़सी।

स्रोत
  • सिरजक : राजेन्द्र जोशी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोडी़
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