थारा होठ सांवळा पड़ग्या
कांई भान छै थनै?
हां, म्हैं तोप रै सोर रौ वाल्हौ लियौ छौ
गुलाबां वाळी फुलवाड़ी में पूगण सूं पैली
पैली वळा जाणी आ बात
गुलाब रा कांटा उणरै पुहपां वरणा नीं व्है
थनै सोर री बदबोय आवै
थूं सांस ई नीं लेय सकै
झटकै ई रूमाल लावै नाक सांम्ही
केई जणा केवै
इणीज बास मांयकर जावै आजादी रौ मारग
म्हनै थारी बास में
बापू री ओळू आवै
अेक वो ईज कांमणगारौ
जिण तोप रै वाल्हौ देवण सूं पैली ई जांण लियौ
औ मारग होठ ईज नीं
मूंडौ काळौ करण कांनी जावै छै!