पगां हेठै धरती है

माथै ऊपर आभौ

च्यारूंमेर खुली हवा

हवा में

थारै होवण री सोरम

कठैई आवूं-जावूं

म्हारै सागै थूं

अबै म्हनै डर किण बात रौ!

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : साँवर दइया ,
  • संपादक : गौतम अरोड़ा
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