नैण रिझावै, मन हुळसावै, रूआ रास रचावै 
ओ कुण लुक छिप आवै
सोयी धरण जगावै, आंगणियै हींगळू ढुळावै
पांख-पंखेरू गीत गुवावै, किरणा नाच नचावै
सांझ-गिगन में रांग-रंगीली छिवियां कुण चितरावै
दूधा धोई रातड़ली में कुण इमरत बरसावै
ओ कुण लुक-छिप आवै 
सांसा री सोरम सूं भोळा बायरिया बहकावै 
फूला फाग मचावै, हरिया बागां नै महकावै 
कळियां नै इतरावै, लोभी भंवरा नै बिलमावै
आंबलियै री डाळ उणमणी कोयलडी कुहकावै 
ओ कुण लुक-छिप आवै
काजळिया नैणा री कोरां में बैठ्यो सरमावै 
फूल गुलाबी मुखडै पर क्यूं लाज गुलाल लगावै 
अंगड़ायां सूं छेड़ै,दरपण में गुपचुप बतळावै 
अची मेडी लाल पिलंग रा सुपना में भरमावै
ओ कुण लुक-छिप आवै।