थारो डील ईतर की सीसी री,
सोरम की लपट उड़ै छै।
थारो मन गंगा को पाणीं री,
पाप्यां क पाप झड़ै छै॥
हाथां मं लछमी को बासो,
पांवां मं रिद-सिध छै।
कण्ठ सुरसति मनुवारां मं,
बाळक की-सी जिद छै॥
थारी सीख-सलाह मं दुर्गा-
संकट दूर करै छै।
थारो डील ईतर की…
या काजळ की कारीगरी अर्,
यो नथ को भळकाबो।
माथो ढांक मुळकबो थारो,
मूंहडै उंगळी खाबो॥
गालां ऊपर काळो तिल-
कामण का कान भरै छै।
थारो डील ईतर की सीसी…
अणहद नाद उठै आंगण मं,
ऊजाळै -अंधेरी।
घर का दरदळ कढग्या सुण,
सुण पायळ की पगफेरी॥
तू चालै तो हिंगळू ऊघड़ै-
हांसै तो फूल झरै छै।
थारो डील ईतर…
जोबण का बत्तीसूं भोजन,
ऊमर की तरकारी।
नखरां को जळपान बायरो,
पल्ला को आणन्दकारी।
गोडी गाळ बैठबो ज्यूं-
सांवणियो बह'र कढै छै।
थारो डील ईतर..
थारा हाथां की गूठ्यां सूं,
धन्न-धन्न अन्न होग्यो।
अभ्यागत आसीसै कटग्यो,
पाप धरम-पन्न होग्यो।
थारा पोया फुलका मं गौरी-
चांद-सूरज उघड़ै छै।
थारो डील ईतर…