अबार-अबार म्हारै गाम नै गोयरै
अेक सूरज उग्यौ है
कूकड़ा न कूकडूक्कू बौलवा साथै-साथै
चकलैं भी
राम मअें राग मलावी गावू सरु करी दीधू है
आंगास ना कौणं-कौणं गालूअं माथै भी हेंदूर ढोळईग्यू है
वायरी मअें भी अवै तीखापण
न्हें रड्क्षू है
पैलै वजू
आज नौ दन आव्यौ है
मीठं-मीठं हपनं लईनै
जणा मअें न्हें है
दाजी दै अैवौ तड़कौ
हेत्तू हमेटीनै ताणी लई जावा वाळा
ततनधार छांटा
कड़कड़ाती विजळीयं नौ हाकौ
काळाकट वादळं नूं भूताअेलू रुप
कय भी तौ न्हें है
म्हारै अणा
मीठा-मीठा दन मअें।