आज म्हैं

दिन में

सूरज सूं सगपण कर्‌यौ है

आज म्हैं

रात में

अेक दीवौ जगायौ है

सुणौ—

अंधारै अर आंधी नै

सनेसौ कर दीजौ!

स्रोत
  • पोथी : अंवेर ,
  • सिरजक : सांवर दइया ,
  • संपादक : पारस अरोड़ा ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी
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