कांई कैवे?
घोटियै आज
आप रै बापू रो
गळो झाल लियो!
आ तो होवणी ई ही।
कांई कैवै?
स्है’र मांय
बम रै धमाकै साथै
तीस मरग्या!
आ तो होवणी ई ही!
कांई कैवै?
गांव री गोचर रा
सगळा रूंख
कोयी काट लेग्यो!
आ तो होवणी ई ही।
कांई कैवै?
गांव री गोचर रा
सगळा रूंख
कोयी काट लेग्यो!
आ तो होवणी ई ही।
कांई कैवै?
फरजी वोटां सूं
शांतिलालजी नै
चुणाव हराय दियो!
आ तो होवणी ई ही।
कांई कैवै?
आखै देस मांय
जात-पांत अर धरम री
खाई खुदगी!
आ तो होवणी ई ही।
सुण भाया!
संस्कार मिटग्या
सोच मरग्यो
हेत खूटग्यो जणां
आ तो होवणी ई ही।