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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
ईसरो सो परमेसरो
unknown
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ईसरो
सो
परमेसरो।
‘हरिरस’
नामक
सुप्रसिद्ध
ग्रन्थ
के
रचयिता
ईश्वरदास
जी
के
सम्बन्ध
में
प्रशंसोक्ति
है।
जुड़्योड़ा विसै
लोक-परंपरा
आखर सूं आखर
कैवत
Next
उझल्या समदर ना डटै।
unknown
Previous
आंख्यां सैं आंधो, नांव नैणसुख
unknown
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