एक पैंड चाली कोन्या’र बाबा! तिसाई।

एक कदम चली नहीं और कहने लगी “बाबा” प्यास लगी है। बड़े काम को प्रारम्भ करते ही विश्राम की इच्छा करने लगना।

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