मूरत बणेलो पाणो ज़ाणे, कीमत टाकला नी,

गंगाज़ळियु मीठूं पाणी, महिमा माटला नी।

स्टील वाळा ठामडां में, खाक खवानूं भावे,

आज़े म्हनैं याद सतावें, ज़ूना वाटला नी।

माथा मातै घणां विदेसी, तेल सेम्पू चोपड्यं,

अवै जोवें रोवें, सन्ता करैं टाटला नी।

मुंडे मीठी मन में अेठी, जौवो आक्खी दुनिया,

जैने कोयल हमज़्या, अेनी वाणी कागला नी।

रेसम वाळा ऊंसा-ऊंसा, बिसतर मातें हुता,

कोय नथी पुंछ वाण, भरया खाटला नी।

घेरे-घेरे गार ना सुला, होदी होदी थाक्यो,

लैण लगावी ताकी रया हैं, गैस बाटला नी।

स्रोत
  • सिरजक : छत्रपाल शिवाजी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी