कान उघाड़ा तो भी बोळो
बात-बात में बदळै चोळो
किण री चिंता किण रो बाझो
भरी जवानी माथो धोळो
ऊपर सू तो दीसै सैंठो
मांय-मांय ही हुयग्यो पोलो
सहर में भरयो धूवो-धुवाळो
दीसै गांव भी मोळो-मोळो
मन री भींतां हुयगी ओछी
न्हाठै यूं क्यूं ओळो-दोळो
रिस्ता रगत रा टूट रैया है
बिखरयो जावै घर रो टोळो