मूरख लारे मूरख बण अर रेवो हो।
राई रा दाणा ने परबत केवो हो॥
अपणी—अपणी मरजी रा सब मालक व्ह्या—
आप कणां ने अठे ओळमो देवो हो?
थां थांणे अर म्हां म्हांणे खाले बाले—
अस्यो कई नरमोहीलोपण लेवो हो!
रामनाम ऊं भाटा तरग्या पाणी पे—
मनख व्हिया थां पींदा में क्यूं पेवो हो?
‘गुप्तेश्वर’ मनड़ा में आइ वराज्यो ‘के—
मूरत ने देख्यां पण राजी व्हेवो हो?