मिनखां रो है काळ अठै
सूनो है पंपाळ अठै
निजरां म्हारी काची कोनी,
जगां-जगां है जाळ अठै
खूंटी ताण सोया नैछै सूं,
पेंदै पड़गी माळ अठै
कांई सोजो आज भलां,
लाधा है कंकाळ अठै
थारा सुपना साचा व्हैगा,
लड़ियो है तिरकाळ अठै