मनवा यूं मगरूरी मत कर

करतव गैर जरूरी मत कर

घुळ जावैला मन री गांठां

मुखड़ै बात अधूरी मत कर

जाणों आखिर छोड़ जगत ने

हाकिम टाळ हजूरी मत कर

माया बस माळा री मोटी

सुमिरन मांय सबूरी मत कर

कुण जांणे कद काम पड़ैला

दुसमण सूं भी दूरी मत कर

इण काया में राम रमै है

काजळ कस्तूरी मत कर

दुख दीपक बिन तैल बळैला

सुख री सांसा पूरी मत कर

स्रोत
  • सिरजक : रतन सिंह चांपावत ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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