करणो व्हे तो काम घणोई।
न्हीतर कर आराम घणोई॥
अकल हिया ऊं ही उपजे है —
दीधो लागे डाम घणोई।
राधे! राधे!! रटतो रेणो —
मिल जावेलो स्याम घणोई।
सबरी ज्यूं नाळो बाटड़ळी —
घर आवेलो राम घणोई।