जठै जठै उजियारा व्हैला।
सरमिन्दा अंधियारा व्हैला॥
तन पर घाव पराया व्हैला।
मन पर दिया तिहारा व्हैला॥
करतूतां धरती री व्हैगी।
लज्जित सूरज तारा व्हैला॥
जो सत्ता री जय बोलैला-
वां रा द्वारा न्यारा व्हैला॥
पतझड़ में हरियाली देखै।
बी रां नयन उधारा व्हेला॥
आसा में आंख्यां दे बैठ्यो,
बो तो गहण निहार्या फैला॥
जन अलाव री राख कुरेदो
ई में की अंगारा व्हैला॥