होसी पूरी आस भायला
राखीज्ये विश्वास भायला
कोड़ी बदले हाथी आवै
कोड़ी कोनी पास भायला
गुळकन नितरा खाय गधेड़ा
घोड़ां नै कठै घास भायला
पतझड़ पाछे आयो रहसी
मौसम फुर मधुमास भायला
क्यूं किस्मत नै नाहक कोसे
दिन भर खेले तास भायला
हाथ पैर हळकायां सरसी
बैठ्यां कुण दे गास भायला
बहा पसेवो स्यावड़ देसी
सहस मणां री रास भायला
बैठ बजारां ओल्हे बेचे
भर बोतल में सास भायला
मत कर एब औगणां सागै
इण काया रो ना'स भायला
ओड़ी बेळ्यां देत आंतरो
खेलण खावण खास भायला
सखरी नीत राखियां रहसी
बरकत बारा मास भायला
अब तो जाग जगावे गोकळ
बणज्या ठाकुरदास भायला