काळै धन रा करतब काळा
उणरी निजरां सामी जाळा
मिनख पणो लाजां मर ज्यावै
गेळ नित नुआं माण्डै पाळा
कैया पार पड़ेगी प्रभुजी
चोरी कर्यां आज रूखाळा
कोई कींको धणी न धोरी
काम पड़्यां लेज्या सै टाळा
उणरा तो सो गुना माफ है
अै ठैर्या रूस्तम का साळा
खून चूस रैया गळो काट र्या
हाथा में मणिया की माळा
खुद म्हैला में मौज उठावै
जनता रै सुख सामी ताळा
जन की पीड़ा नै कद जाणै
अै सत्ता सुख में मतवाळा।