दुसमनां सूं तू निभाणू छोड़ दे।
दोस्तां नै आजमाणू, छोड दे॥
जांकी कथनी और करणी अलग है।
वांकी हां में हां मिलाणू, छोड दे॥
हरख सूं खुद री कमी कबूल ले।
दोस औरां रा गिणाणू, छोड़ दे॥
हरकतां लोगां की दिन में, देख तू।
रात पर उंगली उठाणू, छोड दे॥
व्है सकै तो प्यास दरिया री बुझा।
आग पाणी में लगाणू, छोड दे॥
संकटां रो सामनू साहस सूं कर।
बैठकर आंसूं बहाणू, छोड़ दे॥
नांच री ऊँचाइयां रा गगन छू।
टेडा आंगण रो बहानू, छोड दे॥
आज बेटा बेटियां रो बगत है।
बाप-दादां रो जमानू, छोड दे॥