क्यं'क तडको ने क्यं'क छाया है

जिंदगी भी अजीब माया है

सुख मे तारा हँ अेवो दम भरता

वी तो सब दुख मे थ्या पराया है

जेना फौलादी तन नू नाज तने

रमकडू गार नू काया है।

सुख मे गुमान दुख मे घबराये

सुख-दुख ढरती वरती साया है।

लुई नो रंग एक सब कई ग्या

सब अेक माँ ने कूंखे जाया है

लाय पड़ोस में लागे थापड़ा घरना फूटें

केम पसे हाथ में पाणा हाया है

स्रोत
  • पोथी : वागड़ अंचल री ,
  • सिरजक : उपेन्द्र अणु ,
  • संपादक : ज्योतिपुंज ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
जुड़्योड़ा विसै