गरीब गुरबा नै क्यूं सतावो भाया
दो बोल मीठा बोल हंसावो भाया
किणी मजबूर रै थे काम आवो
दोय पग हेत रा ई बधावो भाया
आंख्यां में आंसू सुपना में दरद है
हियै में वांरै फूल खिलावो भाया
जरूरत है जांबाज री म्हारै देस नै
दुस्मण नै ई ताकत दिखावो भाया
हुस्न-इस्क रा किस्सा कांई लिखो
लोई उफणै वा गजल सुणावो भाया