सावळ जूण जमारो कोनी
भायां भाईचारो कोनी
कुण बातां बिलमावै बालम
घर को कीं पतियारो कोनी
पिरथी ऊंळी भूंवण लागी
सुरजी रो उजियारो कोनी
थे बड़भागी थांकै तोपां
म्हांकै हाथ कटारो कोनी
चुगली री गुगली रै पींदै
सुखसाता जैकारो कोनी
दुख पावै ककरोटी चालां
सांसां प्रीत बघारो कोनी
ऊंट चराई दैणी पड़सी
गवाळ मिलै उधारो कोनी
सांपड़-धूंपड़ माळा फेरै
घर जोगी परबारो कोनी
बड़ी-बड़ी बातां बक लेवै
पण बातां कै धारो कोनी
काण राख लै थूं चूड़ा री
बगत हाल मणिहारो कोनी
अेक सरीखा जग रा चाळा
दुख री जाग नटारो कोनी
टंटा करता फिरै टपोरी
सांसां धीज उतारो कोनी
लूट खोस हेल्यां चिणवाई
माथै धर्यो तगारो कोनी
पान पतासां पौमै 'पेमो'
घरां पळोथण गारो कोनी
चंदा चोर फिरै हिड़काया
भगती नांव गुजारो कोनी
हांसै-मुळकै घर टपूकड़ो
अेक बळींडो सारो कोनी
खादी लूटै जनतंतर नै
व्हां सूं बड़ो ठगारो कोनी
चौड़ैधाड़ै नाखै धाड़ो
चोरां नै रैकारो कोनी
गंगाजळी ऊंचावै मत ना
सतियां में सतचारो कोनी
पाप बधै घर कूंळा मांही
थे नारेळ बधारो कोनी
राधा री औळ्यूं नै 'मोहन'
छानै बैठ चितारो कोनी