बिना बुलाया अण चाया म्हे,
दूजां रै घर जावा क्यूं।
बात-बात में हुवै आखतो,
उण नै म्है बतळावां क्यूं।
कूड़ कपट रा जाळ बिछा म्हे,
दूजां रा हक खावां क्यूं।
काम करां थोड़ो रोळा कर
मोटा ढोल बजावां क्यूं।
दुसमण सूं जे पौंच न आवां,
सूता स्यार जगावां क्यूं।
चुगली चांटी कर लोगां रै,
घर में लाया लगावां क्यूं।
म्हांरी भूख अमीरी म्हांरी,
घर रा भेद बतावां क्यूं।
दूध का बोल वचन किण री म्हे,
काया ने कळपावां क्यूं।
दूध का बोल वचन किण री म्हे,
काया ने कळपावां क्यूं।
मन भगती में रमै नहीं तो,
झूठी अलख जगावां क्यूं।
चोरी जारी कर म्हे म्हांरै,
कुळ ने दाग लगावां क्यूं।