साख साँच री भरतो रहिजै
कूड़ कपट सूं लड़तो रहिजै
बांध पेट रे पाटी काठी
भूख रोज थूं चरतो रहिजै
एक जीवणो मौत अलेखूं
ऊठ पाँतरे मरतो रहिजै
रात अंधारी दोरी सोरी
धोळै दिनडै़ डरतो रहिजै
थाप पिंडारा मत पोथ्यां रा
आखर उकती गड़तो रहिजै
बख लाग्यां ही बणै बातडी़
अबखायां सू़ अड़तो रहिजै
मौको पड़ियां मेह बरसैला
खेत आस रो खड़तो रहिजै
पड़े पीवणां विष रा प्याला
प्रीत पगलिया धरतो रहिजै