घोड़ा ने गेरो, आगे-पाछे मत नाल़ो!

घर जाइ ठेरो, आगे-पाछे मत नाल़ो!!

चोरां रो डेरो, आगे-पाछे मत नाल़ो!

रेणो नी नेरो, आगे-पाछे मत नाल़ो!!

पींदा में मोती पड़िया, हंसा ले आवो-

समदरियो गे'रो, आगे-पाछे मत नाल़ो!

मंगरा रा माथा उपरे, वादल़ घेराया-

व्हे ग्यो अंधेरो, आगे-पाछे मत नाल़ो!

माया में काया, काया माया में कोई-

तेरो नी मेरो, आगे-पाछे मत नाल़ो!

चातुर चेतावे चेतो राखी ने चालो-

पगल्या पण फेरो, आगे-पाछे मत नाल़ो!

गुरु 'बन' 'गुप्तेश्वर' थारे लारे रा लारे-

हिरदां में हेरो, आगे-पाछे मत नाल़ो!

स्रोत
  • पोथी : फूंक दे, फूंक ,
  • सिरजक : पुष्कर गुप्तेश्वर ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
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