झीणो- झीणो बायरो,झीणी-झीणी छांव है।

झीणा-झीणा धोरियां रै,बीच म्हारो गांव है।।

झीणी सौरम फोगड़ां री,खींपड़ा रळियावणा,

मोरियां रा बोल मीठा, गीतड़ा मन भावणा।

काळजै री कौर माथै,कोरियोड़ो नांव है।।

पाळ बैठी नाडियां रै,डावड़्यां बातां करै,

गोमती,गवरां रै साम्ही देवता पाणी भरै।

पूजबा परभात पीळो देख पड़ियो पांव है।।

प्राण रै बदळे बचावै, प्राण गौरी गाय रा,

धर्म रा भाई भरै है मोतियां सूं मायरा।

ओळखै पग खोज पागी,ठाठिया भी ठांव है।।

खेत में सींचै पसीनो,धान सूं कोठा भरै,

शीश दे सींवाड़, छाती देश री ऊंची करै।

बिणज में विख्यात म्हारै सेठजी रा दांव है।।

पीळा हाथ करै तुळसी रा,पीपळी पूजै जठै,

रीत म्हारी अनोखी थूं बता औरूं कठै।

रामजी री मेहर है कै स्हैर खासी भांव है।।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : प्रहलादसिंह झोरड़ा
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