नींदड़ली अे आजा अे आजा
आधी राम में।
सूना लागै म्हैल-माळिया
सूनी काळी रात
म्हारा पिवजी परदेसां में
किणस्यूं करस्यूं बात
नींदड़ली अे सपना में
कंत मिलाय दे।
जीमण बैठूं हिचकी आवै
हिवड़ै अटकै गास
गवर तीज में आवण री
बंधाग्य म्हानै आस
नींदड़ली अे झुर-झुर
म्हैं काळी पड़ी।
कर मुकालावौ छोडग्या
औ कद रौ काढ़यौ बैर
ओळूं आवै आपरी थै
मती लगाज्यौ देर
नींदड़ली अे आंख्यां में
आजा घड़ी स्यात तूं।
सावण आवण कैयौ भंवर जी
करग्या कोल अनेक
गिणतां-गिणतां घिस गई
म्हारी आंगळियां री रेख
नींदड़ी अे संदेसौ दे दे
म्हारा स्याम नै।
आभै चमकै बीजळी
आंसूड़ा बरसै मेह
रातड़ल्यां आंख्यां में काटूं
क्यूं जोड़्यौ हौ नेह
नींदड़ली अे अेकर तौ आजा
ढळती रात में।