नींद पर गीत

नींद चेतन क्रियाओं के

विश्राम की नित्यप्रति की अवस्था है। प्रस्तुत चयन में नींद के अवलंब से अपनी बात कहती कविताओं का संकलन किया गया है।

गीत7

भगवान भलो करसी थारो

किशोर कल्पनाकान्त

सारी-सारी रैन

धनराज दाधीच

दूधै भरी कटोरी

चंद्र सिंह बिरकाळी

नींदड़ली

आशारानी लखोटिया

अै रातां है जागण री

किशोर कल्पनाकान्त

जाग जाग लाडेसर जाग!

चंद्र सिंह बिरकाळी

हालरियौ

रेवतदान चारण कल्पित