नींद पर गीत

नींद चेतन क्रियाओं के

विश्राम की नित्यप्रति की अवस्था है। प्रस्तुत चयन में नींद के अवलंब से अपनी बात कहती कविताओं का संकलन किया गया है।

गीत6

भगवान भलो करसी थारो

किशोर कल्पनाकान्त

सारी-सारी रैन

धनराज दाधीच

दूधै भरी कटोरी

चंद्र सिंह बिरकाळी

अै रातां है जागण री

किशोर कल्पनाकान्त

लोरी - जाग जाग लाडेसर जाग!

चंद्र सिंह बिरकाळी

हालरियौ

रेवतदान कल्पित