मरुधर म्हारी सोन चिङकली निर्‌भय उङती रइजे अे।

देस दिसावर उङती रइजे खबर मुलक री लाइजे अे।

मरुधर म्हारी सोन चिङकली....

ढाणी-ढाणी उङती रइजे, ढाणी-ढाणी कइजे अे

फेर लियो जुगती पसवाङो म्हारी सायर कइजे अे

मरुधर म्हारी सोन चिङकली....

कांकङ-कांकङ फिरती रइजे और सबनै समझाइजे अे

अमर शहीदां री टोळी रा तूं टीला गिणवाइजे अे

वीर सपूतां री धरती नै मस्तक निंवती आइजे अे

मरुधर म्हारी सोन चिङकली....

जिण धरती नै सरगापुर सूं देव पूजण नै आवै है।

वा बिरमा विष्णु शिवजी री जलम भोम कहलावै है।

उण धरती रा देख चिङकली तीरथ करती आइजे अे

जठै राम जी कृष्ण जी और ईसा मोहम्मद सा रो नाम चलै

जठै गुरु रै गुरुद्वारा में नानक सा रो नाम चलै।

जठै कै तूं भी देख चिङकली नेम धरम सूं रइजे अे

मन्दिर मस्जिद और गुरुद्वारा अेक बराबर कइजे अे।

मरुधर म्हारी सोन चिङकली....

सूरवीर रौ त्यागी तपसी बात नहीं अभिमाना री।

इतिहासां री पोथी मांयनै कमी नहीं बलीदानां री।

काम पङै तो देख चिङकली पग पाछो मत दीजे अे

टुकङा-टुकङा पांख करनै मरणों मंगळ कीजै अे।

मरुधर म्हारी सोन चिङकली....

स्रोत
  • पोथी : मारुजी लाखीणौं ,
  • सिरजक : कालूराम प्रजापति 'कमल'
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