बढता जापो बिणजारा
भरता जाओ हूकारा
मजिल तक ओ गीत भोर तक चलसी कथा कहाणी रे
आ नानी री बात आज तक कोनी हुई पुराणी रे
एक पुराणी पीपळी पर चिडा-चिडी रो वास जी
तिणको-तिणको नीड बणायो माळै सूखी घास जी
दिन-दिन दूणो प्यार जी
चीचा जाया चार जी
चाऊ-म्याऊ कुनवो करतो आगण रमै जवानी रे
आ नानी री बात आज तक कोनी हुई पुराणी रे
चिडकी ल्यावै चावळिया चिडकोली ल्यावै दाळ जी
खद-वद सीझै खीचडी आ कुटुम-कबीला पाळ जी
कटती जावै रात रे
बढती जावै बात रे
फूकै फडफू चूल्हो चिडकी, चिडको ल्यावै पाणी रे
आ नानी री बात आज तक कोनी हुई पुराणी रे
घाल चाच मे चाच चुगायो चुगो जिणा नै पाळ्या रे
नुगरा निकळ्या च्यारू चीचा जद सू होस सभाल्या रे
अब तो उगग्या पाख रे
ऊची चढगी आख रे
चीचा उडग्या चिडा-चिडी री दुनिया हुई बिराणी रे
आ नानी री बात आज तक कोनी हुई पुराणी रे