ओ काया प्यारी
ढड़क-ढड़क मत रोवै
हुमरा टूट जावैगी
सुरत प्यारी
हाथन की मेंहदी है
तू धीरै-धीरै
छूट जावैगी
ओ काया मेरी
न्हालै न
लत्ता धो लै न
आंधी म्हेव सा आवै
म्हेव सा आवै
हिया मं मेरै
मोर सा गावै
रोटी खा लेती
पाणी पी लेती
दूरां देस जावैगी
तू परदेस जावैगी
फेर कदे न आवैगी
ओ काया तेरी
तेरी तो न्हांई तो न्हांई तो
बानी बण उड़ जावैगी
आंसू टड़क टड़क मत बावै
मोटर छूट जावैगी
मुड़ मुड़ झांकै क्यूं आगै चाल न
जूत्यां खूट जावैगी
जूत्यां खूट जावैगी
चामड़ी टूट जावैगी
ओ काया मेरी
कोई को कोई भी नहीं
तू ही तो मेरी है रे रंग प्यारी
मेरी रंग प्यारी सूं खलक भारी
खेल खेल हारी
ओ काया मेरी याई तो होती आई
जगत की रीत याई है
हाथ का झाला सूं
कांई प्यारी खैवै
हिया मं प्रीत कांई है?