नुअैं डगर में फूलां बदळै

अै कुण बोवै आज बबूळ?

झाड़ बांठका कैर कंकेड़ा

खैर खेजड़ा भेळा नेड़ा

धरती माता सूं बतळावै

रोहीड़ा घर अलग बणावै

भायां में ही फूट पड़े जद-

हिवड़े म्हारै उपड़े सूळ

नुअैं डगर में फूलां बदळै

कुण बोवै आज बबूळ?

बांझड़ खेड़ा खड़या खेजड़ा

पून-पालकी डाळ- जेवड़ा

मींझर मुळक हिंडोळा झूलै

रोहीड़ा मन ही मन फूलै

कंवर केलिया बोल्या ताऊ

काकां-बाबां नै मत भूल

नुअैं डगर में फूलां बदळै

अै कुण बोवै आज बबूळ?

खेजड़लां नै करसा जांणू

रोहीड़ा धनवांन बखांणू

रूप रंगीला घणा डावड़ा

काळा पड़सी तपै तावड़ा

झड़ जासी अै पाकल फूल

उडसी जद धोरां री धूळ

नुंअै डगर में फूलां बदळै

अै कुण बोवै आज बबूळ?

कुदरत आज घूंघटी खोलै

समरथ सांई आगे होलै

फागण आज गुलाल उडावै

नुओं जमानौ आगे आवै

जड़ामूळ सूं जावैलौ रे

उडता आवै आज भंगूळ

नुअैं डगर में फूलां बदळै

अै कुण बोवै आज बबूळ?

स्रोत
  • पोथी : अंवेर ,
  • सिरजक : गजानंद वर्मा ,
  • संपादक : पारस अरोड़ा ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा सहित्य एवं संस्कृति अकादमी
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