ऊगती सूं ले ढळती रातां दौड़े म्हारो रामल्यो
पैला की पोळ्यां पै गोडा तोड़ै म्हारो रामल्यो
होवै लगलगतो स्याळो
चाहे झकझकतो ऊंधाळो
राताँ पी पी'र आंख्यां फोड़े म्हारो रामल्यो।
पगां उभाणो डील उघाड़ो दौड़े म्हारो रामल्यो॥
रामू भैयाजी देखो’ टको न कमावै
तो भी महलां में बेठ्या’ मौजाँ मनावै
रामल्यो दिन भर दौड़ै
ब्याज रामू जी जौड़े
ऊमर भर माथै करजो ओढ़े म्हारो रामल्यो।
पैलाँ की पोळ्यां पै गोडा तोड़ै म्हारो रामल्यों॥
भागवान रामू जी कै रामल्यो कमावै
रोटी मांगे तो ऊनै करमगत बतावै
वाँकै दूधां का धोरा
रामल्यो खावै कौरा
रात दिना हाडक्या’ निचौड़े म्हारो रामल्यो।
पैलाँ की पोळयां पै गोडा तोड़े म्हारो रामल्यो॥
रामू जो घर सूं चालै’ शहर सजै सारो
रामल्यो जठी जावै’ झाड़, कोच, भर गारो
ढोक रामू जो पावै
रामल्यो ठौसा खावै
हाथ जण-जण के आगै जोड़ै म्हारो रामल्यो।
पैलां की पोळयां पै गोडा तोड़ै म्हारो रामल्यो॥
रामू जी हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख अब इसाई
रामल्यो मनख छै कोरो मनखपणो साईं
नित उठ दंगा करवावै
रामल्या ने मरवावै
अधरमी धरम सूं नाँतो’ तौड म्हारो रामल्यो।
पैलां की पोळयाँ पै गोडा तोड़ै म्हारो रामल्यो॥
रामल्यो जाणै छै के जमानो बदल रयो
अपणो हक माँगबा को लावो मचल रयो
कद तांई धीरज धारै
जीत-जीत कद तक हारै
रामू जी के सांमै फरग्यो, कांण तोड़ै रामल्यो।
पैलां की पोळयां पै गोडा तोड़ै म्हारो रामल्यो॥