गीत वेलियौ

ऊजळ आचार विचार ऊजळौ,
गांम ऊजळां ऊजळ गोत।
शिवदत-सुत कैळास तणी शुभ,
जगमगती ऊजळ जस-जोत॥

पेख्यौ मिनखपणौ प्रभुताई,
लळताई अँग घणौ लिहाज।
माधवहर प्रभणा मांणीगर,
जांणीगर गुण तणौ जहाज॥

सह धरमां निज खांप सहेतां,
नर देतां रँग दीठौ नेह।
सांप्रत केतां काज सारिया,
लेतां गिणती पार न लेह॥

भलपण रौ ढिग खिमता भारी,
ऊजळ चित धारी अपणास।
ईहग आज किसौ उपकारी,
करै होड थारी कैळास॥

ऊंचै पद रौ मद नह आयौ,
लायौ पखौ गरीबां लोग।
पिता हूंत इधकौ जस पायौ,
जणणी सुत जाया घण जोग॥

सांभळ बडभागी री सोभा,
कुळ अनुरागी निरखण कोड।
तूझ नाम देवण वड त्यागी,
हेतव कुळ में लागी होड॥

छतां सपूतां रै किम छांनी,
राजस्थांनी डिंगळ रूप।
मायड़भाषा थें सनमांनी,
इष्ट भवानी तणै अनूप॥

चारणपणै म्रजादा चोखी,
बोलण छटा अनोखी बांण।
सज्जन घणा अंजसै सोखी,
व्है दोखी ज्यांरै दिल हांण॥

जूनी रीत-पांत रौ जांणग,
भांत-भांत रौ इधकौ भाव।
ख्यातां वातां तणी खांत रौ,
दिपै सांतरौ जिम दरियाव॥

विन स्वारथ बेगारां वीटा,
भलपण गुणां गरीठौ भांण।
दूजौ इसौ सुपात न दीठौ,
मन मीठौ ऊजळ महरांण॥

सैणां तणी हजार सुपारस,
है पारस गुण परखणहार।
सार ओपमा तूझ समापण,
सुज मिनखापण रौ सिणगार॥

स्मृतिशेष रौ दूहौ

कविता प्रभुता कीरती, हरदम हियै हुलास।
हेतव कुळ हीरौ हुतौ, कोहिनूर कैळास॥

स्रोत
  • पोथी : गीत गुणमाळ ,
  • सिरजक : शक्तिदान कविया ,
  • प्रकाशक : थळवट प्रकाशन, जोधपुर
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