घर आज्या म्हारा श्याम राम पपइयो बोलै ओ।
बागां छाई हरियाळी
फूलां स्यूं झुक रई डाळी
कलियां रो जोबण भंवरो निरखै
घूंघट खोलै ओ॥
सखियां रिमझोल मचावै
नाचै है हिलमिल गावै
तिज्यां रा गूंजै गीत तीजण्यां
तीज टंटोळै ओ॥
धरती लेवै अंगड़ाई
कुण जाणैं प्रीत पराई
ठंडी चालै पुरवाई गजबण
होळै होळै ओ॥
ओळयूं थारी जद आवै
कंचन काया कुम्हलावै
बाडां पर पसरी बेल छैल
म्हारी छाती छोलै ओ॥